Saturday, April 7, 2012

पुराने दिन, front park

मुझे लगता है मैं अपने उन पुराने दिनों में लौट रही हूँ....
जी हाँ! वे पुराने दिन जब मैंने अपनी ग्रेजुएसन पुरी की थी और फिर मेरा बेटा पैदा हुआ था मैंने उसे छोड़ कर नौकरी नहीं करनी चाही.... और उसे पालने की गरज से...(यानी की मेरी बेटी जो मेरी 12th std में पैदा हो गई थी जिसे मेरे परेंट्स और मेरी दो छोटी बहनों ने पाला था) दोनों बच्चों को पालने की गरज से घर में रही थी और ....तब घर, बच्चों के काम-काज के बाद खूब कढ़ाई,क्रोशिया, बुनाई-सिलाई,मक्रेम, जाने क्या-क्या क्राफ्ट के काम करती थी...फिर समय आया की घर,नौकरी,बच्चे और अपने हुनर को publish करने का काम चलता रहा ....अब नौकरी में कुछ व्यवधान आने और रिटायरमेंट के नजदीक फिर से .......लगता है वही दिन लौट आये हैं........


पिछले दिनों यह केसमेंट (Ada )का कपड़ा खरीदा


सबसे लास्ट केसमेंट पर जो काम किया था ..हालांकि यह क्रोस स्टिच नहीं है..यह स्वीडिश कढ़ाई है जो बिना बुर के तौलिये पर की जाती है...सफ़ेद कपड़े पर यह डिजाईन बनाउंगी.

greening in the park.


new couplings are coming out on trees  


shabbaa khair!

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