Sunday, August 19, 2012

मेरा दामण सिमा दे ...


दामण (A very heavy, bulky and beautiful skirt worn by womenfolk in villages of  haryana state of India)

सिमा ( to stitch)

छींट का दामण जिसे मेरी दादी और माँ पहना करती थी 
खादी पर फुलकारी किया हुआ दामन जिसे खारा/दामण  कहा जाता था जिसे मेरी परदादी और उनसे भी पहले पहना जाता था. 

 खादी (चरखे पर काते गए सूत से बना कपड़ा जिसे डेवटी और रेजा कहा जाता था ) से बना पहनावा /दामण जिसे खारा खा जाता था। ऐसा एक खारा जो कि मेरी दादी ने स्वयं अपने हाथों से सिला था आज भी मेरे पास पड़ा है। 

कपड़े की विभिन्न किस्मों में एक है छींट। गांवों-देहातों में आज भी छींट का रंगबिरंगा कपड़ा ग्रामीण महिलाओं को खूब लुभाता है। हरियाणा  की एक जकङी (लोकगीत) की शुरुआत ही छींट की महिमा से होती है-
 हरि ए गुलाबी नाभी छींट दामण में बाजणा नाडा सै
डैराँ में जाइये मेरा जेठ, ओडे जेठ तनै समझाऊँगी .......
 आमतौर पर मशीन या हथकरघे पर बुने गए कपड़े का नामकरण उसमें इस्तेमाल धागे की किस्म, बुनावट, ताने-बाने का प्रकार या उसकी डिजाइन के आधार पर होता है। एक विशिष्ट कपड़े का नाम छींट प्रचलित होने के पीछे इनमें से कोई भी वजह नहीं है। हिन्दी में छींटा शब्द का अर्थ है पानी की बूंद या जलकण। आमतौर पर किसी तरल पदार्थ से छिटकी बूंदों को छींटा कहा जाता है। रंगीन बूंदों से ही छींट का रिश्ता है। इस शब्द की व्याप्ति अंग्रेजी भाषा तक हुई है। भारत में बने रंगीन कॉटन को अंग्रेजी में चिंट्ज Chintz कहा जाता है। इसी नाम से यह कपड़ा यूरोप में जाना जाता रहा है। इसके पीछे यह छींट नाम ही है। यह सबूत है इस तथ्य का बीते तीन हजार वर्षों से भारतीय सूती कपड़े की धूम दुनियाभर में रही है।
हरियाणा में छींट को लेकर कई गीत हैं....वे दामण की छींट का जीकर करते हैं .....
कहां से आई छींट  भारत में बनने वाले सूती कपड़ों में छींट ही सबसे प्रसिद्ध मानी गई है. यूरोप में इसे चिंट्स कहा जाता है. मसूलीपत्‍तनम की छींट सबसे प्रसिद्ध थी. कहते हैं कि यह कला ईरान से भारत में आई और ईरान की चिंट भारत में छींट हो गई. यूरोप को भी इसे इसी नाम से जानते हैं. छींट (Chhintz), गत (Blotch), बँधनी (Tie Dyeing) और बातिक (Batik) आदि शब्द वस्तुत: छपाई की प्रक्रिया के सूचक हैं. छींट और गत की छपाई यंत्रों से की जाती है. छींट में रंगीन भूमि कम ओर गत में लगभग सभी वस्त्र रंगचित्रों से ढका होता है. छींट की छपाई में ही अधिकाधिक उत्पादन कम खर्च में लिया जा सकता है. इसके भारत में लोकप्रिय होने का एक बड़ा कारण इसे भी माना जा सकता है. छींट शब्‍द की उत्‍पत्ति को लेकर अलग अलग बात की जाती है. किसी का कहना है कि छींट संस्कृत के  क्षिप्त से बना है. वैसे लोकजीवन में छींटा देना, छींटे यानी छोटी बूंदें, छींटे मारना यानी बिखरा देना जैसे शब्‍द खूब प्रचलित है. ऐसे में लगता तो यही है कि छींट शब्‍द भारत से बाहर फैला.

जय राम जी की!!!!

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