सर्जन-गाथा के धारिणी कालम में विपिन चौधरी जनवरी महीने में कुछ यह लिखती हैं....
पश्चिम में 1950 से लेकर 1960 तक के दौर को इक़बालिया कविता नाम दिया गया था, जिसमें ऐनी सेकसेन और सिलविया प्लैथ दो प्रमुख कवियत्री का नाम प्रमुख था, ऐनी सैक्सोन को विश्व की पहली नारीवादी कवयित्री माना जाता है जिन्होनें अपने निजी जीवन के तमाम उतार चढावों अवसाद, अलगाव, आत्महत्या, निराशा माहवारी, गर्भपात यहाँ तक की हस्तमैथुन और व्यभिचार को भी अपनी कवियाओं में दर्ज़ किया।

विपिन चौधरी
उनकी कविताओं के शीर्षक भी खासे बोल्ड
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http://www।srijangatha।com/?pagename=Dhaarini-7हैप्पी लर्निंग!
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