Sunday, November 20, 2016

मार्गशीर्ष और पौष हेमंत ऋतू के महीने हैं

बदलता मौसम

शरद पूर्णिमा के बाद हेमंत ऋतू आती है. हेमन्त ऋतु भारत की 6 ऋतुओं में से एक ऋतु है. अंग्रेज़ी कलेंडर के अनुसार दिसम्बर से जनवरी माह में हेमन्त ऋतु रहती है. विक्रमी संवत के अनुसार मार्गशीर्ष और पौष 'हेमन्त ऋतु' के मास हैं. इस ऋतु में शरीर प्राय स्वस्थ रहता है. पाचन शक्ति बढ़ जाती है. मैं आज गोंद  के लड्डू बनाऊँगी इसके लिये सामगी सहेज ली  है ..
शीत ऋतू दो भागों में बिभक्त है. हल्के गुलाबी जाड़े को हेमंत ऋतू और तीव्र तथा तीखे जाड़े को शिशिर कहा जाता है. शरद, हेमंत और शिशिर पितरों की ऋतु हैं मार्गशीर्ष  में गीता जयंती और, दत्त जयंती आगी. पौष मास में हनुमान अष्टमी, पार्श्वनाथ जयंती आदि के अलावा रविवार को सूर्य उपासना का विशेष महत्व है.  

समस्त महिनों में मार्गशीर्ष श्रीकृष्ण का ही स्वरूप है. मार्गशीर्ष माह के संदर्भ में कहा गया है कि इस माह का संबंध मृगशिरा नक्षत्र से होता है. ज्योतिष के अनुसार इस माह की पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र से युक्त होती है, जिस कारण से इस मास को मार्गशीर्ष मास कहा जाता है. इसके अतिरिक्त इस महीने को 'मगसर', 'अगहन' या 'अग्रहायण' माह भी कहा जाता है. मार्गशीर्ष के महीने में स्नान एवं दान का विशेष महत्व होता है. भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों को मार्गशीर्ष माह की महत्ता बताई थी तथा उन्होंने कहा था कि- "मार्गशीर्ष के महीने में यमुना नदी में स्नान से मैं सहज ही प्राप्त हो जाता हूँ." अत: इस माह में नदी स्नान का विशेष महत्व माना गया है. 


xoxo

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