Haryana is a historical region that once was sandwiched in the
name of Punjab. The
Punjab region of India and Pakistan has a historical and cultural link to Indo-Aryan heritage identity as well as partially to the
Dravidic indigenous communities. The Partition of India divided Punjab into
two parts. The Eastern part (with two rivers) became the Indian Punjab and the Western part (three rivers) the Pakistan Punjab: Indian Punjab divided into three parts: Punjab, Haryana, and Himachal Pradesh
All through the
area of Haryanvi
traditions can be
seen with its food, language and idiosyncratic inheritance. The Haryanvi
language, with Bagri is broadly spoken in this region and the structural
design reflects the earliest customs and traditions of the Haryanvi people. There
are also Haryanvi feast days, including the Holi which is celebrated at the
approach of vernal equinox,[
on the Phalguna Purnima (Full Moon). The festival date varies
every year, per the Hindu calendar, and typically comes in March,
sometimes February in the Gregorian
Calendar. The festival
signifies the victory of good over evil, the arrival of spring, end of winter,
and for many a festive day to meet others, play and laugh, forget and forgive,
and repair ruptured relationships. Other holidays are several with Haryana Day on Nov 1, in Haryana.
हरियाणा के सूर्यकवि एवं हरियाणवी भाषा के शेक्सपीयर के रूप में विख्यात पं॰ श्री पं लखमीचन्द का जन्म सन 1901 में तत्कालीन रोहतक जिले के सोनीपत तहसील मे जमुना नदी के किनारे बसे जांटी नामक गाँव के मे हुआ ।
दादा लख्मी चंद के सांग ( लोक नाटक )1940- 1950 के दौरान काफी प्रसिद्ध हुए, 44 वर्ष की अल्पायु में उनका देहांत हुआ, इस आधुनिक काल के बारे में उन्होंने कभी लिखा था.
दादा लख्मी चंद के सांग ( लोक नाटक )1940- 1950 के दौरान काफी प्रसिद्ध हुए, 44 वर्ष की अल्पायु में उनका देहांत हुआ, इस आधुनिक काल के बारे में उन्होंने कभी लिखा था.
20 वी जाए पाछे इस्सा ज़माना आवेगा,
इतनी खलाफत बढ़ ज्यागी माणस ने माणस खावेगा..
दुनिया के हालात बिगड़ क इतने खश्ते हो ज्यांगे,
कट क लोग मरेंगे घर घर ये तय फौजी दस्ते हो ज्यांगे...
जी टी रोड प ऊपर निचे दो दो रस्ते हो ज्यांगे,
पशु पखेरू महंगे होक ये माणस सस्ते हो ज्यांगे...
अर मुर्दा माणस बिक्या करेगा ना कोई चिता जलावेगा
ये रूल पुराने हो ज्यांगे गली गली म खुले
कचेहड़ी चौकी थाणे हो ज्यांगे,
दूध, दही, घी सपना होके मोती दांणे हो ज्यांगे...
ये गाम बसेंगे पाणी म परलोक ठिकाणे हो ज्यांगे,
घास फूंस की सब्जी खाके यो माणस गुजारा चलावेगा।
शदी 20 वि जाए पाछे इस्सा कलयुग आवेगा,
इतनी खलाफत बढ़ ज्यागी माणस ने माणस खावेगा।
इतनी खलाफत बढ़ ज्यागी माणस ने माणस खावेगा..
दुनिया के हालात बिगड़ क इतने खश्ते हो ज्यांगे,
कट क लोग मरेंगे घर घर ये तय फौजी दस्ते हो ज्यांगे...
जी टी रोड प ऊपर निचे दो दो रस्ते हो ज्यांगे,
पशु पखेरू महंगे होक ये माणस सस्ते हो ज्यांगे...
अर मुर्दा माणस बिक्या करेगा ना कोई चिता जलावेगा
ये रूल पुराने हो ज्यांगे गली गली म खुले
कचेहड़ी चौकी थाणे हो ज्यांगे,
दूध, दही, घी सपना होके मोती दांणे हो ज्यांगे...
ये गाम बसेंगे पाणी म परलोक ठिकाणे हो ज्यांगे,
घास फूंस की सब्जी खाके यो माणस गुजारा चलावेगा।
शदी 20 वि जाए पाछे इस्सा कलयुग आवेगा,
इतनी खलाफत बढ़ ज्यागी माणस ने माणस खावेगा।
xoxo
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