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Saturday, June 18, 2011

साबुन का बैग


बैग साबुन का या यूँ कहिये नहाने का झाँवा


झावें तरह-तरह के इस्तेमाल होते है, टेरा-कोटा, सुखी घिया, तोरी, समुद्री प्यूमिक पत्थर, नायलोन के तरह-तरह के सक्र्बर जाने क्या-क्या ......

मुझे सख्त बने नहाने के किसी प्रकार के झावे से हमेशा नफरत रही है, मैंने हमेशा पुरानी जुराबों को अपने दोनों हाथों में पहन कर मल-मल कर नहाने की आदत पाल रखी थी और मैं अपने क्रोशिये से बने पुराने पड़ चुके रुमालों को भी नहाने के समय मैल  उतारने के लिये इस्तेमाल करती रही हूँ. मेरे जैसी मित- व्ययी को पुरानी जुराबों में बची-खुची साबुन के टुकड़ों को  भर कर उससे मैल उतारने का जाने कब से शौक रहा है....

और अब मैंने यह बेहतरीन तरिका ईजाद कर लिया है

देखिये यह लाल रंग का क्रोशिये का साबुन का बैग मैंने लाल रंग के सूती धागे से बनाया है

जी हाँ यह मेरा अपना--------- खालिस आपना डिजाइन है......
और यह हरे रंग के उसी ब्रांड के सूती धागे से....
दोनों के बनाने का तरीका, बिलकुल भिन्न है ....इनके बनाने का तरीका मैं जल्द ही तैयार करूंगी और आपके लिये प्रस्तुत करूंगी जिससे कि आप भी इसे आसानी से बना सकें.... और ढंग से नहाने का लुत्फ़ उठा सकें...
इसे गौर से देखिये .....
इस बैग में साबुन डालिए डोरी से इसे बंद करिए और खूब रगड़ कर नहाइये, साबुन के झाग भी खूब बनेंगे, चमड़ी का मैल अच्छे से उतरेगा और चमड़ी की रगड़ाई होने से खून का दौरा भी बढेगा...
हाँ, एक सबसे बड़ा फ़ायदा ...आप की साबुन ज़ब छोटी हो जाती है और आपकी पकड़ से छूटने लगती है तो उसे अपनी बड़ी साबुन के साथ ही इसमें भरिये ...अब हो गया आपकी साबुन का सत-प्रतिशत इस्तेमाल...

तो चलिए बनाइये एक बैग साबुन का या यों कहिये, नहाने का अच्छा मुलायम झाँवा।
शब्बा खैर!