Sunday, November 27, 2011

Another upcycled twine basket

Another up-cycled twine ....

I up-cycled this grain-sac for twine











The how of this basket will be in the next post very सून.........


शब्बा खैर!!!

Saturday, November 26, 2011

Before Woman's Lib...


greener ways ....a head..........
yes this is the basket i created and i am happy on my self created design of it...






i crocheted this basket out of up-cycled grain sack(another story will post later-on) then i sandwiched the foam(insulation material of the hot case, which was lying in the kitchen cup-board (was not in working order)

basket got skeleton of the hot-pot




........i stacked my odds and bits in it......


sorry to post blurry picture too........

the inner stain-less-steel pan is good to use in kitchen activities..again the outer pot with perfect lid is still working to stack spice packets...
see the pan and ope pot..perfect..
peek side the basket...its sturdy and durable..smooth too... the rim is wide enough due to insulated foam seat frame of the hot-pot....

see the lid from inside lined with a piece of grain sac.....


the inner lining of the crochet basket and the lid too are done with the grain sack pieces.....
at last ...the video of past....

Before Woman's Lib...


happy crocheting!!! and happy recycling!!!

Saturday, November 19, 2011

हिन्दुस्तानी रोटियाँ

इस वीडियो को देख मुझे मेरी दादी की याद हो आई. मेरी दादी सभी किस्म की रोटियाँ: गेहूँ की रोटियाँ, बाजरे की रोटियाँ, मिस्सी रोटियाँजौ की रोटियाँ सभी हाथ से बनाती थी जो  मैं  कभी नहीं बना पाईं....

ज्वार की रोटी
बाजरे की रोटी

देखिये रुमाली रोटी कैसे बनती है....


शब्बा खैर!!

साड़ी से बैग बनाएं.


देखें साङी से बने सुट से बचे कपङे का पैच लगा कर सुंदर बैग बनाया गया है, जिस पर आईलैट हैंडल लगाये गये हैं। बैग का बेस कपङा मेरे कतरनों के डिब्बे से लिया गया है, देखिये जरा नीचे




यह चित्र अभी यानी काफ़ी इस्तेमाल करने के बाद का है....


इसे आप जरुरी कागजात कहीं ले जाने के लिये भी इस्तेमाल कर सकती है. यह डिज़ाईनर बैग सा लगता है.

इतना सुन्दर कि इसे सूट के साथ ही कहीं ले जाने को करता है ...
अरे फ़िर तो हर सूट के साथ अलग बैग बनाना पडेगा.

कैसे बनायें?

इसके लिये बेस कपङा लें अपने बैग की लम्बाई व् चौड़ाई के अनुसार साईडों के लिये, चित्र 1 अनुसार ,,, माप लें ऐवं ज़रुरत अनुसार चौङाई ले लें

ईतना ही फयुज़न कपङा ( पेसटिंग वाली टैटरोन) लें,

ऐवं ईतना ही लाईनिंग के लिये कपङा लें,

ज़रुरत अनुसार ज़िप लें जितनी आपको जेबें लगानी हों

साङी का बार्डर, कुछ मेन साङी का कपङा, बैग के ऊपर निचे बैग बंद करने के फलैप पर लगाने के लिये लें( इन्हें भी फ्यूजन करें)

बेस कपङे को ऊलटा कर फयुज़न कपङा गोंद कि तरफ से उस के ऊपर रखैं, मलमल के कपङे को पानी में भिगो कर निचोङ लें, इसे फयुज़न कपङे पर अच्छी तरह फैला कर कर इस्त्री करें, ध्यान रहे इस्त्री को रख कर दबाएँ ,फिर उठायें, फिर दुसरी जगह ऐसा ही करें, इस तरह दोनो परतें फयूज़ हो जायेंगी। बैग की दुसरी साईड साइडों को भी इसी तरह फयूज़ कर लें। साङी का बार्डर, साङी का कपङा, पैच लगाने के लिए व् बैग बंद करने वाली फ्लैप के लीए जो साड़ी बार्डर लिया है उसे से भी फ्यूजन कपड़े से फ्यूज़ कर लें.

अब सिलाई शुरू करें---

बैग के सामने वाले हिस्से पर ऊपर निचे डिज़ाईन (चित्र 3 देखें) जोङ दें, अब सामने वाले हिस्से पर साईडें जोङ दें (सीधी तरफ से) बैग का पिछला हिस्सा भी साइडों से जोङ दें। बैग की बाहरी सिलाई को पाईपिंग से सिलते हुये छिपा दें।

लाईनिंग भी इसी तरह सिलाई कर जोङ लें, जेबें लगा कर ज़िप लगालें।

बैग लाईनिंग के उलटे हिस्से को अंदर से मिला कर जोङते हूये सिलाई कर लें, ऊपर से भी पाईपिंग लगा लें.

फलैप बैग के पिछले हिस्से ( देखें चित्र 2 में पीछे का हिस्सा) पर बीच में जोङ दें, किसी बटन पर बेस कपङा मढ कर फ्लैप पर टांक दें, फलैप पर बैग के सामने बीच में व्ल्क्रो ( बैग बंद करने के लिए) टांक दें, आईलैट लगा कर हैंडल डाल दें।

अब यह बैग पर्स दोनों का काम करेगा और बार- बार इसे इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस तरह आप पर्यावरण बचाने में सहायक होंगी.

मेरी बेटी ने इस बैग को माडल किया है, साड़ी से बनाये सू में से बची कतरनों को मैंने अपने कतरनों के डिब्बे में सहेज लिया था. बेटी के जन्म-दिन पर यह मैचिंग बैग बना कर मैंने उसे भेंट किया तथा पोली- बैग से खरीदारी कर के, पर्यावरण बचाने में शायद कुछ मदद हो, पुराणी साड़ी रिसाइकिल कर के सुट. रिसाइकिल का महत्व समाहित है

देखिये हिन्दुस्तानी परम्परागत साडी कैसे पहनी जाती है.



अब इन साड़ियों को कौन पहने .....

मुझे तो इन्हें पहन कर कहीं जाना बहुत मुश्किल लगता है..


साडी ही क्यों हमारे हरियाणा का परम्परागत २० से ४० गज का घाघरा भी काफी भारी होता था.


मुझे याद है मेरी दादी हब कहीं बैठती थी तो घाघरे को समेट कर उस पर बैठ जाया करती थी.

मुझे यह भी याद है कि खेत में काम करते समय औरतें वहां पर सलवार-सूट पहनती थी. और उन्हें खेत में ही रख देती थी.
बाहर हाल शब्बा खैर!!

Thursday, November 17, 2011

Sustainable Bamboo Stool and other Bamboo stuff

Bamboo plants grow very fast and lead in fastest-growing plants on earth and therefore a very sustainable and eco- friendly material for furniture and accessories. Additionally, it is aesthetically pleasing and its neutral colors are easy to match and combine for interior design.? This round stool is perfect for sitting as well as it serves as aside table to place tea and snacks. Its very handy for sofa –side-
My son and the white painted bamboo stool


Bamboo framed bag with bamboo handles



Sheltered in its cocoon i made when i bought it year or two back

table when i curl-up on sofa while watching TV, i place my belongings ....my UFO in hand, mobile, remote etc etc...some time used for displaying an art object as well place it for side stool and move it from room to room as you see fit? Bamboo is light weight, very sturdy, and water resistant.? This product is handmade in Assam by local artisans there.

Bamboo table lamp on my computer table



They usually roam city to city , display their furniture and other bamboo articles along the roadside with big traffic to attract buyers there.Extremely practical, durable, good looking, and affordable, you can be socially and environmentally responsible while creating beautiful home designs that won't stress your wallet. What more could you ask for?


Lastly flower bloom from potted plant in my front yard

Happy day!!!