Tuesday, October 16, 2012

Hindi poems Nabh chhor

 कल पितृ पक्ष के समापन के साथ आज से नवरात्र की शुरुआत हो रही है । तो इस पहले दिन की शुरुआत क्यूँ न माँ की स्तुति से की जाए ।

नवरात्र के बारे में मैंने शादी के बाद ही जाना .................शादी के बाद क्या ब्च्चे होने के बाद ही.............जी हाँ मेरी शादी दसवीं पास कर शादी हो गई थी और मैं पढ़ती रही 11वीं में एफ सी कालेज,हिसार में होस्टल में रहती थी 12वीं में इंद्रा गाँधी कालेजटोहाणा में पढ़ती थी और फिर इम्तहानों से  पहले मेरी बेटी का जन्म हुआ फिर मैं उसे मम्मी के पास छोड़ बी एस सी करने   हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय,हिसार में दाखिला ले होस्टल में रह कर  पढ़ने   लगी और बी एस सी करते   मेरे बेटे का जन्म हुआ और 2-3 वर्ष बच्चों  को पालने की गरज से मैं घर हिसार में रही उसी समय से मैंने नवरात्र के बारे में जाना और तब से अब तक कर रही हूँ...हरियाणा में नवरात्र को सांझी  के साथ जोड़ा जाता है परन्तु हमारे गांव में और ननिहाल में मैंने इसके बारे में नहीं सुना ना ही पिताजी के साथ एयर फोर्स की नौकरी में विभिन्न शहरों मेंरहते इसके बारे में जाना. बाद में हिसार में ही इस बारे में  जाना. हाँ  दुर्गा पूजा तो जरूर सयंक्त रूप एयर फोर्स मने खूब माने जाती थी इसे हम बचपन वाकिफ थे दसों दिन खूब आनंद आता था बड़ा सा मंडप हमारे घरों के सामने बनाया जता था और हम सब खूब मस्ती करते थे बहरहाल..  नौ दिन तक लोग व्रत करते है घर मे कलश मे जौ  के बीज डालते  है और नौवें दिन हमारे घर हवन किया जाता है. तो आप भी इन नौ दिन यानी नवरात्रों का आनंद उठाइए व्रत करिए डांडिया रास करिए.

हरियाणा व अन्य  प्रदेशों में सांझी के बारे में यहाँ यहाँयहाँ और यहाँ पढ़ें  .........

बेटी की कवितायें सांध्य दैनिक  नभ- छोर में छपी थी.  पढ़ें जरा. 
शब्बा खैर !!

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