My daughter have been lucky to have been featured this month
in the jansatta the daily news Paper ‘s Vichaar column duniya-mere-aage …its
about the patho about senior sitizens…………
विपिन चौधरी |
‘जेनरेशन गैप’ यानी पीढ़ियों के बीच की दूरी की अवधारणा हमारे यहां भी बातचीत या सामाजिक चिंताओं में शामिल हो चुकी है। सही है कि हर पीढ़ी में सही और गलत की धारणा बदलती रहती है और शायद यह भी दोनों पीढ़ियों के बीच तनाव का कारण बनती है। लेकिन हकीकत यह है कि आधुनिकता के साथ यह खाई और चौड़ी होती गई है। कुछ समय पहले अस्पताल में एक बीमार परिचित के पास तीन-चार दिन रहने के दौरान मैंने बगल वाले बेड पर एक बुजुर्ग महिला को देखा, जिनकी कमर की हड्डी टूट गई थी। उनका बेटा और बहू बारी-बारी से देखभाल के लिए आते रहे। वृद्ध महिला ने दिन-रात घर जाने की जिद ठान रखी थी और इसी कारण उन्होंने खाना भी छोड़ दिया। बहू जब भी अस्पताल आती तो कुर्सी पर बैठ कर अपने लैपटॉप पर काम करने लग जाती। सास से उसका कोई संवाद नहीं था। मां की जिद से बेटा भी कई बार झुंझला जाता। उन तीनों के बीच एक तनाव-सा फैला हुआ था। पता नहीं, इस तनाव को अपने घर में वे कैसे झेलते होंगे!
मेरे पड़ोस में एक और महिला हैं जिन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद अपने किसी गुरु के आश्रम में...............more.....
Have a read!!!!
No comments:
Post a Comment