कई लोगों ने हिग्स बोसोन से संबंधित सर्न की घोषणा के बाद वैज्ञानिकों को खूब भला-बुरा कहा है। ऐसा करना यह सर्वथा ग़लत है।………..
विज्ञान कभी भी चुनौती से दूर नहीं भागता। विज्ञान के इतिहास में कितने ही “सत्य” खोजे गए और बाद में जब वे सत्य ग़लत साबित हुए तो विज्ञान ने अपनी ग़लतियों को बिना शर्म के स्वीकार किया है। ऐसी सहनशीलता धर्म-पक्ष के लोगों में नहीं दिखती। धर्म स्वयं को जांच-पड़ताल और परिष्करण के लिए उपलब्ध नहीं कराता। धर्म आस्था पर आधारित एक निश्चय है और इसीलिए इसमें विज्ञान के बनिस्बत जड़ता अधिक है।
हिंग्स बोसोन के बारे में यहाँ और यहाँ यहाँ पढ़ें ...
शब्बा खैर!
No comments:
Post a Comment