Thursday, December 8, 2011

Celebrations ..of Birth & Death....

एक खूबसूरत कार्यक्रमरविवार को इंडिया हबिटैट सेन्टर कीखुली छत पर आयोजित किया गया। रंगमंच और रेडियो के दो दिग्गजों दानिश इकबाल और सलीमा राजा ने फैज़ केलगभग ३०-३५ खतों के सार पढ़े। जिस नाटकीय लय में दोनों ने फैज़ के लिखे को अपनी आवाज़ दी वह बेहद दिल ओदिमाग को सुकून देने के साथ कानो मै भी शहद घोलने वाला रहा, लगभग ढाई घंटें वहाँ मौजुद लोग मुग्ध हो उन्हें सुनतेरहे। उस समय पूरा माहौल फैज़मय हो उठा जब इकबाल बानो और शौकत खान जैसे महान गायकों द्वारा गई उनकी तीनगज़लें को भी सुनाया गया

१९५० के उस दौर में जब पूरा उपमहाद्वीप राजनीतिक अशांति से गुज़र रहा था, तब इस प्रबुद्ध दम्पति के ज़ीवन में क्याउधल पुधल चल रही थी इसका पता हमें उनके द्वारा लिखे इन पत्रों से मिला। ये पत्र जीवन को तिरछी नज़र से भी देखनेका साहस दिखाते हैं। फैज़ अपने पत्रों में अपनी पत्नि से बार-बार यह गिला कर रहे थे की उन्कें जेल मे रहने से उनहें घरऔर बहार दोनों की जिम्मेदारेयाँ संभालनी पर रही हैं।

http://vipin-choudhary.blogspot.com/2011/04/blog-post.html




open roof of India Habitat Centre and Faiz's letter....by Danish and Salima..


Another video from NET


Moments of Tranquility: Faiz's 26th Death Anniversary - A Noor Jehan Tribu...: Faiz Ahmed Faiz died 26 years ago yesterday (November 20th, 1984) aged 73. Over the years, regardless of whether governments tried to suppre...

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