प्रकृते: क्रियमाणानि गुणै: कर्माणि सर्वश: |
अहङ्कारविमूढात्मा कर्ताहमिति मन्यते || 27||
BG 3.27:All activities are carried out by the three modes of material nature. But in ignorance, the soul, deluded by false identification with the body, thinks itself to be the doer.
आज कम्प्यूटर की एक पुरानी फाईल में ११/६/२००७ की खींची कुछ फोटो मिली इन्हें मैं यहां पोस्ट कर रही हूँ.
अहङ्कारविमूढात्मा कर्ताहमिति मन्यते || 27||
BG 3.27:All activities are carried out by the three modes of material nature. But in ignorance, the soul, deluded by false identification with the body, thinks itself to be the doer.
आज कम्प्यूटर की एक पुरानी फाईल में ११/६/२००७ की खींची कुछ फोटो मिली इन्हें मैं यहां पोस्ट कर रही हूँ.
आजकल गाँव बड़ी तेजी से बदल रहे हैं, इसलिए जब भी मुझे पुरानी फोटो मिलती हैं मैं उन्हें सहेज लेती हूँ
gurudwaaraa, Pinjokhraa saahib |
ICAR प्रोजेक्ट में काम करते वक्त हम इस गांव गए थे और इस गुरूद्वारे के लंगर में खाना खाया था बहुत ही स्वादिष्ट खाना था.
यहां पर मूंगफलियों को जमीं से निकाला जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों से यहां पर मूंगफलियों की खेती करने का बहुत चलन हो गया है।
pruned khejari tree waiting for the rainy season |
इस खेजड़ी के पेड़ को देख कर मुझे अपने खेत के,जांडी के पेड़ की याद आ जाती है, साधी की फसल काट ने के बाद इनकी छंटाई कर दी जाती है, जिसे हमारे गाँव में पेड़ छांगना कहते हैं हमारे खेत में एक जांडी का पेड़ था एक बार मैंने उसे छांगा था छांगते समय अपनी इच्छानुसार उसकी टहनियां छोड़ दी जाती हैं ताकि पेड़ तरतीबवार लगे.
irrigation canal |
इस रजबाहे में एक बार बहुत पानी भरा था और हम जीप से इसके किनारे-किनारे जा रहे थे जब जीप को वापिस मोड़ना था तो इतनी संकरी और गीली जमीं पर उसे मोड़ना बहुत मुश्किल था जो हमारे ड्राइवर ने बखूबी किया।
village shyaahdvaa near hisar city. |
No comments:
Post a Comment