रम्णिका फाउंडेशन और साहित्यअकादमी ने संयुक्त रूप से बहुभाषी कवि सम्मेलन 26/3/2011को आयोजित किया जिसमे युद्धरत आम आदमी का लोकार्पण किया गया और विभिन्न भाषाओं की कवयित्रियों ने कविता पाठ किया
युद्धरत आम आदमी का पहला अंक जिसमें देश की विभिन्न भाषी कवयित्रियों की हिन्दी में अनुवादित कवितायें समाहित हैं...
इसी कड़ी का दूसरा अंक.....
दीप्ति नवल मेरे साथ. |
चित्र में विभा रानी बीच में हैं और इनके दोनों तरफ़ मैं और विपिन चौधरी जिन्होंने इस सम्मेलन में मेजबान की भूमिका बखूबी निभाई थी
कविता पाठ तीन सत्रों में किया गया और अपराह्न विभारानी द्वारा " Ek nae men aka
No comments:
Post a Comment