कपडे सिलते समय ज़ब कपड़ों की कटाई की जाती है तो ढेरों छोटी बड़ी कतरनें निकलती हैं ...देखिये किसी बुटिक पर या दर्जी की दूकान पर...वे इन कतरनों का क्या करते हैं भगवन जानें।
परन्तु मैंने ज़ब से होश सम्भाला है में अपने कपडे खुद सिलती हूँ...फ़िर घर में भाई बहनों के कपडे मम्मी के सलवार(पैंट) कमीज़(शर्ट) बनी सिलाई करने लगी, मम्मी ने आज तक मेरे सिवाय किसी के सिले कपडे नहीं पहने.. और फ़िर शादी के बाद बच्चों के कपडे खुद डिजाइन कर पात्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित करने का दौर शुर हुआ...मेरे परिवार के बच्चे मेरे हुनर का शिकार बने ...उन्हें मेरे द्वारा सिले कपडे पहनने के साथ-साथ माडल बनना पडा ...






पहले की पोस्ट और इनका इतिहास जानिये
भाग १... में ज़ब छठी कक्षा में थी ज़ब से अपने कपड़...
यह चित्र मैंने नेट से लिया है खोजते खोजते कि क्या किसी और ने भी किया है यह प्रयोग और मुझे आज यह लीला देखिये लिंक
बहुत प्यारे संकलन हैं आपके :)
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