Sunday, May 27, 2012

चिरमिरी

कल मेरी आँख में  कुछ (foreign  material ) गिर गया ...लाख कोशिश करने पर भी नहीं निकला ......मम्मी ने कहा कि दूसरी आँख को धीरे से मसल ले तो निकल  जाएगा  तिनके का बारीक टुकडा या आँख का बाल होगा ....बड़ी मशक्कत के बाद निकल गया शायद पर रडक की वजह से आँख में  दर्द काफी देर  कायम रहा।..उसी समय मुझे याद आया कि मेरी दादी एक छोटी सी डिब्बिया में कुछ लाल-लाल से बहुत ही चिकने दाने रखा
यह फोटो विकी से ली है
करती थी जिनके मुह (जहाँ से वे टहनी से जुड़े होते थे वह हिस्सा काला होता था जिसे चिरमिरी कहते थे ....मैं उन्हें मोती समझ बड़ी ललचाई नज़रों से देखती थी मोती मुझे बहुत अच्छे लगते थे।....खैर मेरे बचपन के मोतियों के प्यार के बारे में फिर कभी।
 ....बहरहाल फिर सेचिरमिरी के बारे में बात करें ...बड़ी देर के बाद यह नाम याद आया और ...फिर शुरू हुई इसके बारे में ज्यादा जानने की कवायद यानी कि गूगलिंग और  मैंने पाया कि इसका बोटानिकल नाम

 Abrus precatorius है और मम्मी ने बताया कि इस बीज का  पौधा हमारे टिब्बे वाले खेत  में  बहुत  होता था ..वह खेत मुरब्बाबंदी में हमारे हिस्से नहीं आया था और भी जानकारी इस पौधे के बारे में ...मिली हैं।...

यह फोटो यहाँ से ली हैं 






 
शब्बा खैर!!!!!!!





















 







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