मैं बचपन से अपने दादा और चाचों को ढेरे पर रस्सी बनाते देखती आ रही थी,फिर एक बार छुट्टियों में जब मेरे पिताजी हमारे गाँव आये तो उन्होंने मेरे मेरी मम्मी द्वारा काते गए सूत से रस्सियां बनाई थिए,जिनसे उन्होंने पलंग भरा था और मुझे भी पलंग भरना सिखाया था.
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| Drop down spindle |
अतः उन्हीं के नक्शेकदमों पर चलते हुए मैंने भी अपने पास इक्क्ठी की गई बहुत साड़ी कतरनों से रस्सी बनाने की सोची, और खूब साडी रस्सियां बनाई. जिनसे मैंने दो मैट बनाए और बाक़ी बची रस्सियों को इस बड़े स्टील के डिब्बे पर लपेट दिया अब यह हमारे ड्राइंग रूम की शोभा बढ़ा रहा है। click HERE and HERE to see the mat and






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