The time during which I really should be doing something but
am just too unfocused. After all, the celebrations aren't really over. A New
Year is on its way. So, all blog posts until then will be from my another blog.
I am drinking hot cups of chai, cutting myself a slice of cake, puttering
around the house, shifting a painting here and hanging one there, watching a
movie or two (Sherlock Holmes was great, Avatar is next) and
taking tons of pictures of my everyday with my camera. How are YOU
spending your time?
पर्यावरण बचाएं, पहल करें------
पिछले दिनों मिडिया में काफी हो- हल्ला था बंद करो- पोली-बैग बंद करो, पोली-बैग से ये खराबाहूआ- और वो खराबा हूआ। हरियाणा में जिस दिन अखबार में आया कि पोली-बैग बैन हो गये हैं।अगले दिन सचमुच न फलों की रेहङी वाले ने पोली-बैग में फल दिये न ही पंसारी ने सामान में दिया, सोचा अबकी-बार तो सचमुच कुछ कठोर कदम उठे हैं, लगता है पोली-बैग का ज़माना लदने वाला है, यदि भूल-वश कहीं अपना थैला खरिदारी करने जाते समय नहीं ले गये तो बिना खरिदारी करे हीवापिस लौटना पङेगा। पर फिर वही हर दूकान-रेहङी पर पोली-बैग में सामान आसानी से बिना किसीना नुकर के मिल रहा था।
साड़ी से सूट बनाते समय कुछ कतरन बच गई थी ...जिन्हें इस्तेमाल कर यह बड़ा सा शोपिंग बैग बहुत ही सुन्दर बन गया है.
क्मीज और चुन्नी साड़ी की बनाकर उसे मेचिंग चुरिदार से टीम कर दिया और फिर यह बैग....मेचिंग....
अब इतना बड़ा बैग साथ ले जाकर साड़ी खरीदारी का सामान इसमें आसानी से भरें और घर आयें कोई फटने का डर नहीं...
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