Friday, February 8, 2019

मैचिंग पर्स,diary september 5, 2013.



देखिये यह सलवार सूट....
अब इस कुर्सी पर टंगे पर्स को देखिये ...
यह मैने पुराने पर्स को उधेड़ कर बनाया...
पुराने पर्स के सभी हार्डवेयर इस्तेमाल किये....

और बन गया नया सूट से मैच करता बैग...


diary september 5, 2013.

गुद्डे



हाँ ये बेबे गुद्डे ( makintosh, beddings out of leftover clothes.)  तो वो ये सुहाया करदे जो रेता मैं सुख्या करदे इसे हो जांदे फोके-फोके।
 .......... ईसी नींद आया करदी नरम हो जांदे जमाये. अर  तार पर सुखयोड़े गुदडे
  तो इसे हो जां सैं   करड़े - करड़े  अर  पीले दाग न्यारे हो जाँ  सें। सुन कीं मेरे भी याद
 आगी जोहड़ धोरे गुमड़े  से   गुमड़े  से  मने  मेरी दादी पा पूछा दादी ये के सें दादी बोलीबेती अडै  लट्टे सुखा राखे सें  दामन आर गुदडे   मोटे लत्ते जो कई हाँ मैं सुखें उन्नें लत्ते  मैं बांद  कीं   आर रेता मैं दाब दिया करैं आर रेता उनकी नमी नैं चूस लें सैंअर  वो  हवा मैं सुखायोड़े लत्तां तैं  भी सुथरे हो जाँ  सैं. 
आज मैंने पार्क में यह चर्चा सुनी। 

xoxo  

No comments:

Post a Comment