कल हम हांसी के पास अपने गाँव गये और अपने घर को सम्भाला
देखिये घर का उपरी हिस्सा, इसे नानू ने पुरानी हवेली गिरवा कर बनवाया था। नानू ने इस भव्य इमारत को एसा मजबूत बनवाया था कि आज भी कहीं किसी कोने को झड़ा हुआ नहीं देखा जा सकता.
देखिये घर का उपरी हिस्सा, इसे नानू ने पुरानी हवेली गिरवा कर बनवाया था। नानू ने इस भव्य इमारत को एसा मजबूत बनवाया था कि आज भी कहीं किसी कोने को झड़ा हुआ नहीं देखा जा सकता.

नीचे आँगन के ऊपर यह लोहे का जाल.

नीचे बेरों का बाग़
पहले यहाँ अमरुद, माल्टे, आडू भी हुआ करते थे, नानू ने एक बार अंगूर भी लगाये थे जो कामयाब नहीं हुए थे.



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