Thursday, March 1, 2012

कल ज़ब खेत,बाग़ गए...यह बैग मेरे साथ था...

कल जल्दी-जल्दी में बाग़ और खेत देखने गए ...
यह साडी का बैग जो बड़े समय पहले मैंने बेटी के लिये बनाया था, में अपने कुछ कागजात और नक़्शे इत्यादि इस में भर ले गई ...बिटिया इसे इस बार मेरे पास छोड़ गई ...यह कह कि उसके पास बहुत बैग इक्कट्ठे हो गए हैं ॥
में इसे संभाल-संभाल कर रखे रही .......गाड़ी में और बाग़ में चलतेसमय भी ...कि कहीं ना हो जाय

बाग़ की कुछ तस्वीरें ......मम्मी तो गाड़ी में ही बैठी रहीं...हम जल्दी में थे......


चाबी जो गाँव के घर की थी वह भी यहीं टंगी रह गई थी .सो गाँव के घर भी नहीं जा पाए....नीचे देखीं जारी पुरानी चाबियाँ. इन्हें जंग से निजात दिलवाने की सख्त ज़रूरत है..

यह लिंक मुझे याद दिलवाएगा कि मुझे भी अपने घर की मरम्मत करवाने से पहले और बाद की तस्वीरें देनी है...नीचे दिया लिंक चटकाएं ...कितना मिलती हैं इस महिला की सूझ-बूझ मुझसे....
घर की पहले और बाद की तस्वीरें



 क्रोशिये की योक वाली फ्राक 
 मुझे यह क्रोशिये की योक वाली फ्राक बहुत सुन्दर लगी मैंने अपनी भतीजी और बेटी के लिए झट इसे खरीद लिया।

इसका कपड़ा लिनन है और ख़ास बात है कि इस पर बहुत सुन्दर चाइना रोज़ छापे गए हैं सफेद आँगन पर फूल मुझे बहुत पसंद हैं



मेरी बेटी इसे पहन कर मुझ से बतिया रही है 

शब्बा खैर!!!

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