Saturday, June 5, 2021

पीले कनेर



हमारे पार्क के कोने में पीले कनेर के फूल का पेड़ है यह पार्क हमारे घर के ठीक सामने है और पार्क का कोना हमारे घर के दरवाजे के दाईं और है ।भगवान शिव के श्रृंगार का सबसे प्यारा फूल है पीला कनेर ।आज कल इन फूलों की बहार आयी हुई है।कनेर का फूल बहुत ही मशहूर है। 


 दीवार के पार कनेर के  पेड़ का ऊपरी हिस्सा दिखाई दे रहा है 
 मेरे सामनेके आँगन का कोना कनेर के साथ जट्रोफा के फूल डालेहैं जो खुबडुरत नजारा उत्पन्न कर रहे हैं

Add caption
 कनेर के पेड़ की ऊंचाई लगभग 10 से 11 हाथ से ज्यादा बड़े नहीं होते हैं। पत्ते लम्बाई में 4 से 6 इंच और चौडाई में 1 इंच, सिरे से नोकदार, नीचे से खुरदरे, सफेद घाटीदार और ऊपर से चिकने होते है। कनेर के पेड़ वन और उपवन में आसानी से मिल जाते है। फूल खासकर गर्मियों के मौसम में ही खिलते हैं फलियां चपटी, गोलाकार 5 से 6 इंच लंबी होती है जो बहुत ही जहरीली होती हैं। फूलों और जड़ों में भी जहर होता है। कनेर की चार जातियां होती हैं। सफेद, लाल व गुलाबी और पीला। सफेद कनेर औषधि के उपयोग में बहुत आता है। कनेर के पेड़ को कुरेदने या तोड़ने से दूध निकलता है।
फ्लोटिंग वेज़ के अलावा सभी गमले रिसाइकल्ड हैं बीच  वाला बड़ा ट ब है 


 कनेर या ओलियंडर का फूल चिकना, सदाबहार, दूधिया रस के साथ लकड़ी की झाड़ी वाला ऊपरी गंगा के मैदानी इलाकों पाया जाने वाला फूल है. ये भारत में कश्मीर से नेपाल 2000 मीटर तक मध्य और दक्षिण हिमालय में मंदिरों और बगीचों के पास पाया जाता है।

23/9/2012को दोपहर एक बजे मैंने ये तस्वीरें ली थी जब कुछ चीजें मन को भा जाती हैं तो फिर तस्वीरों पर तस्वीरें खींचने  को मन करता है और फिर एक भी तस्वीर को डी लिट् करने का जी नहीं चाहता यही वजह है कि  इन सब को यहां पोस्ट कर रही हूँ 





कनेर का फूल पूरे भारत में पाया जाता है. यह सजावट के लिए उपयोग किया जाने वाला पौधा है और आमतौर पर उद्यान में और सड़कों के किनारे पर देखा जा सकता है।


कनेर का फूल तीन आम किस्मों (सफेद, पीले, लाल) में पाया जाता हैं. इसकी सभी किस्में जहरीले किस्म की होती हैं। इस किस्म की ताजा पत्तियों का केवल पन्द्रह ग्राम का सेवन एक घोड़े को मार सकता है।
xoxo

No comments:

Post a Comment