Tuesday, December 9, 2025

राजा इक्ष्वाकु

राजा इक्ष्वाकु: वह वैवस्वत मनु के पुत्र थे, जिन्हें वर्तमान कल्प (मनवन्तर) का पहला मानव माना जाता है। इस प्रकार, इक्ष्वाकु मानव जाति की प्राथमिक पीढ़ियों में से एक थे। "इक्ष्वाकु" का शाब्दिक अर्थ संस्कृत में "गन्ना" होता है। कुछ पौराणिक कथाओं में उनके जन्म को राजा मनु की छींक से जोड़ा जाता है, जबकि अन्य संदर्भों में यह नाम उर्वरता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। उन्हें एक धर्मात्मा और कुशल प्रशासक माना जाता था। उन्होंने अपने राज्य में वैदिक धर्म और व्यवस्था को स्थापित किया। उन्होंने कई यज्ञ किए और ऋषियों का सम्मान किया। उनके वंश में आगे चलकर राजा हरिश्चंद्र, राजा सगर, राजा दिलीप, राजा रघु और सबसे महत्वपूर्ण, भगवान श्री राम जैसे महान सम्राट हुए। संक्षेप में, राजा इक्ष्वाकु वह नींव का पत्थर थे जिस पर बाद में रघुवंश (सूर्यवंश का एक और नाम) की गौरवशाली इमारत खड़ी हुई, जो प्राचीन भारतीय इतिहास में आदर्श शासन और धर्मपरायणता का प्रतीक बन गया। Let us know how you liked this post – comment below! xoxo

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