हर महीने के आखिरी शनिवार को अकादमी ऑफ फाईन आर्ट्स एंड लिटरेचर में होने वाली काव्यात्मक गोष्ठी “डायलॉग” इस बार 31 दिसंबर 2011 को संपन्न हुई। इस गोष्ठी में नौ महिला कवियों ने काव्यपाठ किया मेरी बेटी विपिन ने भी अपनी तीन कवितायें सुनाईं जिन्हें खूब सराहा गया. पंजाबी की जानी-मानी कवयित्रि और FOSWAL (The foundation of SAARC writers and literature) की अध्यक्षा अजीत कौर ने विपिन को अपनी कविताओं का तर्जुमा अँगरेजी में कर उन्हें देने को कहा और उन कविताओं पर विशेष टिप्पणी की.
A tree in front of my house......
Sunglasses
श्रोताओं के साथ
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हिन्द-युग्म Hindi Kavita: कवयित्री विपिन को बहुत दिन हुएविपिन की कवितायें पढ़ने के लिये नीचे का लिंक चटकाएं
A tree in front of my house......
I used to have a beautiful tree in front of my house, but there was no end to mysweeping around it. I have noticed tho that if you do a more serious tree trim it will I have noticed tho that if you do a more serious tree trim it will cut back on flower production.
Sunglasses
In an attempt to escape reality
I put on the sunglasses,
Because my eyes were dazzled by life.
I grew used to their comforting
dimness
And it was only when, many years
later,
I remembered I was wearing them,
And found the courage to take them
off,
That I realized what I had missed.
-Sophie Large
शब्बा खैर!
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