आज हम आज़ाद हैं और अपने घर आराम से अपनी मर्जी चलते हुए रह रहे है?
परन्तु इसके लिए संघर्ष किसने किया? क्या वह इस तरह राह पाये जिस तरह हम आज रह रहे है?
सुख चैन से....आज का दिन इसलिए महत्वपूर्ण है कि आज के दिन 26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का सविधान लागू किया गया था. तब से आज तक इस दिन को गणतंत्र-दिवस के तौर पर मनाया जाता है. हमारे देश का 2वर्ष 11 महीने और 18 दिनों में 211 विशेषज्ञों ने मिलकर तैयार किया था.और 16 जनवरी 1950 को यह संविधान लागू किया गया था.यह दिन भारत देश के लिए विशेष महत्व रखता है.
इतिहास की नजर में 26 जनवरी
26 जनवरी आजादी से पहले भी देश के लिए एक अहम दिन था. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1930 के लाहौर अधिवेशन में पहली बार तिरंगे झंडे को फहराया गया था परंतु साथ-साथ एक और महत्वपूर्ण फैसला इस अधिवेशन के दौरान लिया गया. इस दिन सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया था कि प्रतिवर्ष 26 जनवरी का दिन “पूर्ण स्वराज दिवस” के रूप में मनाया जाएगा. इस दिन सभी स्वतंत्रता सेनानी पूर्ण स्वराज का प्रचार करेंगे. इस तरह 26 जनवरी अघोषित रूप से भारत का स्वतंत्रता दिवस बन गया था.
डा. भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में बनाया गया भारतीय संविधान 395 अनुच्छेदों और 8 अनुसूचियों के साथ दुनिया में सबसे बड़ा लिखित संविधान था जो और भी विस्तृत हो चुका है. 26 जनवरी, 1950 को संविधान के लागू होने के साथ सबसे पहले डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाउस के दरबार हाल में भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और इसके बाद राष्ट्रपति का काफिला 5 मील की दूरी पर स्थित इर्विन स्टेडियम पहुंचा जहां उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया. और तब से ही इस दिन को राष्ट्रीय पर्व की तरह मनाया जाता है. किसी भी देश के नागरिक के लिए उसका संविधान उसे जीने और समाज में रहने की आजादी देता है. इस तरह गणतंत्र दिवस और संविधान की उपलब्धता काफी अधिक है.
गणतंत्र दिवस की परेड आज विश्व भर में भारत की पहचान बनकर उभरी है. गणतंत्र दिवस को भारत की शक्ति का असली परिचय मिलता है. सेना, सशस्त्र बलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सुसज्जित यह परेड आज भारत का गौरव गान करती है. गणतंत्र दिवस की परेड की खूबसूरती और उसका अहमियत को शब्दों में लिख पाना बेहद मुश्किल
भारतीय देश-भक्ति पूर्ण गीत -देखो वीर जवानों...किशोर कुमार
हैप्पी डे !!
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