Saturday, March 22, 2014

शहीदी दिवस



कविता मानवता की उच्चतम अनुभूती की अभिव्यक्ति है।
                     --हजारीप्रसाद द्विवेदी


 
शहीद-आज़म के  नाम एक कविता  

उस वक़्त भी होंगे

तुम्हारी बेचैन करवटों के बरक्स

चैन से सोने वाले

आज भी बिलों में कुलबुलाते हैं

तुम्हारी जुनून मिजाज़ी  को "खून की गर्मीकहने वाले


तुमने भी तो दुनिया को बिना परखे ही जान लिया  होगा

जब  

कई लंगोटिए यार तुम्हारी उठा-पटक से

परेशान हो

कहीं दूर छिटक गए होंगे.

 
तुम्हारी भीगी नसों की गर्म तासीर से

शीशमहलों में रहने वालों की

दही जम जाया करती होगी.


दिमागी नसों की कुण्डी खोले बिना ही तुम

समझ गए होगे कि

इन्सान- इन्सान में ज़मीन आसमान जितना असीम

फर्क भी हो सकता  है


अपने चारों ओर  बंधी बेड़ियों

के भार को संभालते हुए

कोयले से जो लिखा होगा तुमने. 

उसे पढ़

कईयों ने जानबूझ कर अनजान बन

अपनी गर्दन घुमा ली  होगी.

कई ठूंठ बन गए होंगे और

कई बहरे, काने और लंगड़े बन

अपनी बेबसियों का बखान करने लगें होंगे. 

 
परेशान आज भी बहुत है दुनिया,

ज़रा सा कुरेदने पर

लहू के आंसूओं की

खड़ी नदियाँ बहा सकती है

पर क्रांति की बात दूसरी-तीसरी है.

जनेऊ अब भी खीज में उतार दे कोई 

पर वह बात नहीं बनती

जो मसीहाई की गली की ओर मुड़ती हो.


क्रांतिबोल-वचन का मीठा और सूफियाना  मुहावरा बन

कईयों के सर पर चढ़ 

आज भी बेलगाम हो

भिनभिनाता है.


लहू में पंगे शेरे-पंजाब  की

दिलावरी को याद करने के लिए 

पंजों के बल खड़े होना पड़ता है 

पर

हमारी तो शुरुआ़त ही लड़खड़ाने से होती है. 

हम हर पन्ने को शरू से लेकर अंत तक ही पढ़ते हैं 

और

लकीर को लकीर ही कहते हैं.

 
रटे-रटाये प्रश्नों के बीच आये एक टेढ़े प्रश्न को बीच में ही छोड़

भाग खड़े होते हैं

जब क्रांति का अर्थ समझने के लिए इतिहास की पुस्तकें  उठाते हैं 

और सिर्फ उनकी धूल  ही झड़ती है हमसे.


हमारे समझने बूझने का

पिरामिड अब इतना बौना हो गया है 

कि हमारी मुंडी क्रांति की चौखट से

टकराने लगती .है

 

रात-बेरात का चौकन्नापन और 

लहू को निचोड़ कर

बर्फ की सिल्ली बना देने

का सिद्धहस्त शऊर 

अब कारोबारी धंधे पर ही अपनी शानं चढ़ाता है.


शहीदआज़म,

इंसान से  पिस्सु बनने की प्रक्रिया को

तुम नही देख पाए

यही शुक्र है

 
घुटनों के बल पर खड़े हो 

शुक्र की इन्हीं सूखी रोटियों को

खा-खा कर

हमारी नस्लें अपने आगे का  रोजगार बढ़ाएगी. 



xoxo

 


 

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