बचपन से ही नानु के बाग़ से आनर खाने की आदत से अनारों से प्यार हो गया है ...आज पढ़ा की अनार के जूस से मोटापा.....आप भी पढ़ें और अपनाएँ .
जी हाँ अनार का जूस चार हफ्तों में पेट की चर्बी ख़त्म कर देता है इस पर चटकाएं और पढ़ें
अनार के और भी फायदे जानें..........
अनार का फल जितना सुंदर होता है ; उससे अधिक उसके फूल सुंदर होते हैं . इसकी कली का रस नाक में टपकाने से नकसीर बंद हो जाती है . इसकी कलियों को सुखाकर 2-3 कलियों की चाय पी जाए तो पेट ठीक रहता है और सर्दी , जुकाम और खांसी आदि नहीं होते . इसकी सूखी कलियों का पावडर घाव पर बुरकने से infections दूर हो जाते हैं .
अनार के छिलके का पावडर करके उसमें हल्दी ,नमक और सरसों का तेल मिलाकर मंजन करने से मसूढ़े मजबूत होते हैं . अगर दस्त लगे हों तो इसके छिलके के पावडर में कच्ची बेल का पावडर मिलाकर सवेरे शाम ले लें . इसके छिलके . चन्दन और लौंग की पेस्ट मुंह पर लगाने से चेहरा साफ़ रहता है .
यदि अनिंद्रा या टेंशन है तो इसकी 2-3 ग्राम कोमल पत्तियों को कुचलकर 200 ग्राम पानी में काढ़ा बनायें और सोने से पहले ले लें . पेट में दर्द है तब भी यही काढ़ा लाभदायक रहेगा . कान में दर्द है तो इसके पत्तों का रस सरसों के तेल में पकाकर कान में डालें . मुंह में छाले हैं तो इसके कोमल पत्ते चबाएं और लार बाहर कर दें . अगर दौरे पड़ते हों तो 20 ग्राम पत्तियों का रस मिश्री में मिलाकर सेवन करें .
खांसी है तो इसकी कलियाँ या पत्ते लें. उसमें 3-4 तुलसी के पत्ते और काली मिर्च मिलाकर इसकी चाय पियें . अरुचि या भूख न लगने से कमजोरी हो तो , इसके फल के रस में जीरे का पावडर और काला नमक मिलाकर पीयें ; या रस और शहद मिलाकर चाटें . अगर पेट में कीड़े हो गए हों तो ,इसकी 100 ग्राम जड़ को कूटकर 400 ग्राम पानी में काढ़ा बनायें और सवेरे शाम दो बार लें . गर्भवती स्त्रियाँ इसके फल का रस लेती रहें तो उल्टियां नहीं होती .
अगर पीलिया हो जाए , तो इसके ताजे पत्तों का पावडर 3 ग्राम की मात्रा में दिन में छाछ के साथ और शाम को पानी के साथ लें .अगर खुजली की शिकायत है , तो इसके पत्तों का रस मलें . यदि नाखून अंदर की तरफ चला जाता है तो इसके छिलके के पावडर में हरड का पावडर मिलाकर पेस्ट बना लें और नाखून पर लगाकर पट्टी बांध दें . कुछ दिनों में यह ठीक हो जाएगा .
Uterus अगर बाहर आता हो तो इसके 100 ग्राम पत्ते , 100 ग्राम पानी में उबालें और उसमें फिटकरी मिलाकर सिकाई करें . मांस लटकता हो , या फिर झुर्रियां पड़ गई हों , तो इसकी पत्तियों के एक किलो रस में आधा किलो तिल का तेल मिलाएं . धीमी आंच पर पकाएं . जब केवल तेल रह जाए तो शीशी में भरकर रख लें . रोज़ मालिश करें . इससे मांसपेशियां ठीक हो जायेंगी .
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