Have nothing in your house that you do not know to be useful, or believe to be beautiful.
- William Morris
Saturday, July 28, 2012
My daughter reciting her poem in Dialogue programme of S
yesterday in SAARC writers programme
इस दिल्ली महानगर में हिंदी कविता को चाहने वाले लोगों की कमी नहीं है, समय- समय पर कविता के दीवाने किसी मंच के तहत इक्कठे होते हैं और समरसता के आलम में अपनी अपनी कविताओं को साँझा करते हैं.कविता के इन मुरीदों को 'डाईलोग' एक सार्थक मंच मुहैया करवाता है. आज २८ जुलाई को इसी मंच की मासिक काव्य गोष्ठी सम्पन्न हुई. इस गोष्ठी का सञ्चालन मिथिलेश श्रीवास्तव जी ने किया. कार्यक्रम में 'विवेक मिश्र' जैसे नामी कथाकार व कवि, 'लक्ष्मी शंकर' जैसे वरिष्ट कवि व वक्ता, प्रमोद कुमार तिवारी जैसे मिट्टी से जुड़े रचना कर्मी और ममता किरण जैसी लब्धप्रतिष्ठित कवयित्री ने साँझ के इस सुहावने समां को कविताओं से सराबोर कर दिया.गौरतलब है कि अजीत कौर द्वारा स्थापित अकादेमी ऑफ़ फ़ाईन आर्ट्स के कार्यक्रम 'डाईलोग' को ३१ अक्टूबर, वर्ष 2010 से सँभालने की जिम्मेदारी कवि मिथिलेश जी ने ली और तब से ही कविता की यह महफिल कवि और श्रोताओं के बीच पैठ बनाने लगी और कुछ ही समय में इस कार्यक्रम की शोहरत दिल्ली महानगर से बाहर भी पहुँचने पहुँची. अकादेमी के मयुजिय्म हाल में महीने के आखिरी शनिवार को आयोजित इस गोष्ठी के गरिमा को युवा और नामी गरामी कलमकार शामिल होते हैं................ for the rest click HERE
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