Sunday, July 8, 2012

बेटी,बरसात---Best out of waste, some eye candy...

देखिये बरसते बादल
जैसे ही बेटी को दिल्ली जाने के लिए बस स्टैंड छोड़ कर आई तो आते ही मॉनसून की पहली बरसात शुरू हो गई ...
बेटी
देखिये बरसते बादल

पुराने कपड़ों से बना गलीचा 
आस्-पास पिछले दिनों से बरसात हो रही थी जिससे यहाँ का तापमान भी कं हो गया था  परन्तु हिसार में बारिश का आगाज आज सुबह 7.15 पर हुआ


कपड़ों की सिलाई से बची कतरनों से बनी मैट 
बेटी के साथ कृष्ण प्रनमी आश्रम जाना हुआ वहां के बने सुंदर गलीचे और मैट लाजवाब थे जिन्हें बेकार पुराने कपड़ों और सिलाई से बची कतरनों से बनाया गया था..मैंने वहां जाकर पुरानी चीजों से और भी नायाब चीजें बनाना सिखाने का उनसे वायदा किया है....

 Happy Day!!!!

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